मिशन चंद्रयान -2 के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

प्रिय मित्रों और साथियों ,इस ब्लॉग में आपको चंद्रयान -2  के बारे में सारी जानकारी इकठ्ठा करके लाया हूं,उम्मीद जो आपको मिशन चंद्रयान -2  के बारे में पूर्ण अवगत कराएगा 


🛰🌓 चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग: जाने कब और कैसे उतरा  चंद्रयान🛰🌓

चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम रात 1.30 से 2.30 बजे के बीच ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करके चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरा. खास बात ये भी है कि भारत पहली बार अपने किसी यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने जा रहा था , यदि यह सफलतापूर्वक होता है, तो भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाता ।

चंद्रयान -2 के मुख्य रूप से तीन भाग हैं
- ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर.
 इसरो ने बताया की चांद के 3 लाख 84 हजार किलोमीटर के सफर पर निकला चंद्रयान-2 अब अपने मिशन से मात्र 35 किलोमीटर दूर है. इसरो के मुताबिक, यह अभियान सफल रहता  तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर रोवर पहुंचाने वाला चौथा देश बन जाता ।

चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर 35 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना शुरू किया था , तब इसकी रफ्तार 200 मीटर प्रति सेकंड थी . यह इसरो वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम था . क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा था ,जब कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होता ।

✅ 🌔चंद्रयान 2 लैंडिंग: समय🛰🛰

विक्रम लैंडर शुक्रवार-शनिवार की रात 1.30 से 2.30 बजे के बीच चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा . विक्रम से रोवर प्रज्ञान सुबह 5.30 से 6.30 के बीच निकलता . चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल एक वर्ष का है. यह इस दौरान चंद्रमा की लगातार परिक्रमा करता रहेगा और हरेक जानकारी को इसरो के वैज्ञानिकों को भेजता रहेगा. वहीं, रोवर ‘प्रज्ञान’ का जीवनकाल एक चंद्र दिवस अर्थात धरती के 14 दिन के बराबर है. यह इस दौरान वैज्ञानिक प्रयोग कर इसकी जानकारी इसरो को भेजेगा.

विक्रम से रोवर प्रज्ञान सुबह 5.30 से 6.30 के बीच निकलता, रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर चलना शुरू करता , रोवर प्रज्ञान 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर 14 दिनों तक यात्रा करता . वह इस दौरान 500 मीटर की दूरी तय करता।

मिशन का उद्देश्य 

मिशन का सबसे पहला उद्देश्य चांद की सतह पर सुरक्षित उतरना और फिर सतह पर रोबोट रोवर संचालित करना है. इसका उद्देश्य चांद की सतह का नक्शा तैयार करना, खनिजों की मौजूदगी का पता लगाना, चंद्रमा के बाहरी वातावरण को स्कैन करना तथा किसी न किसी रूप में पानी की उपस्थिति का पता लगाना है.

चंद्रयान-2 की लैंडिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ 60 बच्चे भी देख  रहे थे ,  इन बच्चों का चयन क्विज के जरिए हुआ था. चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद से लगभग 140 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगाता रहता और  इसके जरिए ऑर्बिटर दो साल तक चांद की तस्वीरें भेजता रहता ।

विक्रम साराभाई के नाम पर इसके लैंडर का नाम

भारत में अंतरिक्ष विज्ञान के जनक कहे जाने वाले विक्रम साराभाई के नाम पर इसके लैंडर का नाम विक्रम रखा गया है. वहीं रोवर का नाम प्रज्ञान है, जो संस्कृत का एक शब्द है. इस शब्द का अर्थ होता है ज्ञान.

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चंद्रयान -2 के बारे में 

🌻 सम्पर्क टूटा है उम्मीद नहीं ।

✅ चंन्द्रयान 2 🛰 - 2.1 किमी के बाद विक्रम का संपर्क टूटा, इसरो में 😔मायूसी

✅भारत चांद की सतह पर इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है, लेकिन चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से आर्बिटर का संपर्क टूट गया। इसके बाद इसरो को सिग्नल मिलना बंद हो गए। इससे इसरो में मौजूद तमाम लोगों के माथे पर चिंता की लकीरे खिंच गई है। हालांकि अभी फाइनल अपडेट का इंतजार है

✅इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि लैंडर से आर्बिटर का संपर्क टूटा। लैंड होने की जगह से 2.1 किमी पहले लैंडर से आर्बिटर का संपर्क टूटा। हालांकि अभी डेटा का इंतजार है। इस दौरान वहां मौजूद पीएम मोदी ने इसरो चेयरमैन की पीठ थपथपाई और कहा कि देखिए जीवन में उतर चढ़ाव आते रहते हैं।

✅यह कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है। फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है। मेरी तरफ से वैज्ञानिकों को बधाई, आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है। मैं पूरी तरह आपके साथ हूं हिम्मत के साथ चलें।

✅इसके बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद 60 बच्चों के सवालों का भी जवाब दिया और उन्हें अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ने की सीख दी। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।

✅इससे पहले 1.43 बजे विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके बाद उसने लैंडिंग का रफ ब्रेकिंग फेज व फाइनल ब्रेकिंग फेज भी सफलता पूर्वक पूरा कर लिया था, लेकिन कुछ देर बाद ही उसका आर्बिटर से सम्पर्क टूट गया। इसके बाद से ही सभी चेहरों पर चिंता की लकीरे खिंच गई।
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मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मिशन चंद्रयान -2 के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी । यह जानकारी आपको आपके ज्ञान के भंडार में वृद्धि करने में सहायक होगी तथा जो भाई बहन किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है उनके लिए भी फायदेमंद साबित होगी।
आपके सुझाव या शिकायत के लिए हमेशा प्रतीक्षारत आपका अपना अंकित शर्मा ।
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