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धर्म तथा समाज सुधार आन्दोलन. 【 भारतीय इतिहास 】

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                             हिंदू समाज सुधारक  ब्रह्म समाज (BRAHMO SAMAJ) राजा राममोहन राय  द्वारा ब्रह्म समाज की स्थापना 20 अगस्त, 1828 को मानव विवेक, वेद एवं उपनिषदों के ज्ञानात्मक पक्ष को आधार बनाकर तथा एकेश्वरवाद की उपासना, मूर्तिपूजा का विरोध, पुरोहितवाद का विरोध, अवतारवाद का खंडन आदि उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए की गई. इसे ही आगे चलकर “ ब्रह्म समाज ” के नाम से जाना गया. राजा रामोहन राय के प्रयासों द्वारा ही गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बैंटिक ने वर्ष 1829 में  अधिनियम XVII (17)  पारित कर “ सति प्रथा/Sati Pratha ” पर रोक लगाई. 1833 में राजा रामोहन राय की मृत्यु हो गयी. उनके बाद द्वारकानाथ टैगोर, पंडित रामचंद्र विधावागीस ने संस्था का सञ्चालन किया. ताराचंद चक्रवर्ती ब्रह्म समाज के प्रथम मंत्री थे. 1843 में देवेन्द्रनाथ टैगोर ब्रह्म समाज में शामिल हुए. यहाँ आने से पहले वे जोरासंको (कलकत्ता) में तत्वरंगिनी सभा की स्थापना कर चुके थे, जो वर्ष 1839 में “ तत्त्वबोधिनी सभा ( tattvabodhini sabha ) ” कहलाई. “तत्त्वबोधिनी” पत्रिका (देवेन्द्रनाथ टैगोर) ब्रह्म समाज की मुखपत्र थी. 1867 में “ ब्रह्

1857 का विद्रोह : प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

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इस ब्लॉग में आपको 1857 का प्रथम भारतीय विद्रोह के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी कि इसके क्या कारण थे और इसका कितना महत्वपूर्ण  भूमिका थी स्वतंत्रता में । 1857 का भारतीय विद्रोह, जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नाम से भी जाना जाता है ब्रितानी शासन के विरुद्ध एक सशस्त्र विद्रोह था। यह विद्रोह दो वर्षों तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में चला। इस विद्रोह का आरंभ छावनी क्षेत्रों में छोटी झड़पों और आगजनी से हुआ था और आगे चलकर इसने एक बड़ा रूप ले लिया।  भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की बढ़ती उपनिवेशवादी नीतियों एवं शोषण के खिलाफ इस आंदोलन ने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी। विभिन्न इतिहासकारों ने 1857 की क्रांति के स्वरूप में अलग अलग विचार प्रस्तुत किए हैं  कुछ इतिहासकार इसे केवल एक ' सैनिक विद्रोह ' मानते हैं तो कुछ इसे ईसाईयों के विरुद्ध हिन्दू मुस्लिम का षड्यंत्र मानते हैं। इस क्रांति के बारे में विभिन्न विद्वानों के मत निम्न हैं - 1 ) सर जॉन लारेन्स एवं सीले - '1857 का विद्रोह सिपाही विद्रोह मात्र था ।' 2) आर . सी मजूमदार - ' यह न तो प्रथम था, न ही राष्ट्रीय थ

उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए देना होगा TET की तरह PET ।

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प्रिय मित्रों , उम्मीद है आप सब कुशल मंगल होंगे । मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से UPSSSC  द्वारा जारी हाल में प्रेस वार्ता की जानकारी देने जा रहा हूँ ,जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है । अभी तक आप लोगों को  सरकारी नौकरी के लिए बस एक एग्जाम क्वालीफाई करना था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा ।  अब आपको जिस तरह सरकारी स्कूलों में अध्यापक बनने के लिए पहले  TET ,CTET क्वालीफाई करना पड़ता है ,उसी तरह UPSSSC से नौकरी पाने के लिए PET ( premilinary  egilibility test ) - प्रारम्भिक अर्हकारी परीक्षा पहले पास करनी होगी । जो अगले 3 साल के लिए वैलिड होगा । उसके बाद मुख्य परीक्षा देनी होगी । ज्यादा जानकारी के लिए  ankitsharmaias.blogspot.com    देेखते रहिये ।  आपको मेरे द्वारा  प्रोवाइड  की  गई जानकारी   अच्छी  हो या इनमे किसी  तरह  का  सुधार  चाहते है तो कृपया  कमेंट   जरूर  करें | आप  मुझे मेरे  email id - institute ofankitsharma @gmail.com   पर  भी  मेल  करके अपने  सुझाव  दे सकते है| अगर  किसी को किसी    नोट्स  की  PDF  चाहिए  तो वो भी  मेल  या  कमेंट   कर  सकता है या  फिर  मे