भारत पर अरबों के आक्रमण के कारण एवं प्रभाव

t.me/studynotesbestप्रिय मित्रों आज आपके लिए भारत पर अरबों के आक्रमण की महत्वपूर्ण जानकारी देने वाला ब्लॉग लेकर आया हूँ।उम्मीद है आपको ये ब्लॉग पसंद आएगा ।
प्रमुख बिंदु भारत पर अरब आक्रमण के 
  • मध्यकालीन भारत की प्रमुख घटना मुस्लिमों का आक्रमण थी जिसमें सर्वप्रथम अरबी आक्रमण हुआ और बाद में तुर्की  आक्रमण  हुआ
  • सर्वप्रथम अरबी मुस्लमानों का आक्रमण 636 ई0 में हुआ था
  • ये आक्रमण खलीफा उमर के समय में हुआ और यह आक्रमण असफल रहा
  • भारत पर पहला सफल आक्रमण 712 ई0 में मोहम्मद-बिन-कासिम द्वारा किया गया
  • यह आक्रमण खालीफा-अल-वाजिद के शासन काल में हुआ था

632 ई. में हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद 6 वर्षों में उसके उत्तराधिकारियों ने सीरिया, उत्तरी अफ्रीका, स्पेन तथा ईरान को जीत लिया था। अरबों ने भारतीय सीमा पर भी आक्रमण करने की सोची तथा जल तथा थल दोनों मार्गों से भारत पर अनेक आक्रमण किये । लेकिन उनको 712 ई. तक कोई ज्यादा सफलता हासिल नहीं हुई।
अरब आक्रमण के समय सिंध की राजनीतिक स्थिति-
सिंध पर साहसीराम प्रथम का अधिकार था जो हर्ष का समकालीन था। साहसीराम प्रथम की मृत्यु के बाद सिंध का शासक साहसीराम द्वितीय  हुआ (8 वी. शता.) साहसीराम द्वितीय  की हत्या उसके ही एक अधिकारी चच द्वारा की गई ,चच एक ब्राह्मण था।
साहसीराम द्वितीय की पत्नी से विवाह कर चच सिंध का शासक बना। चच के दो पुत्र हुए– दाहिर तथा दाहिर सिम। कुछ समय बाद दाहिर सिम की भी मृत्यु हो गई तथा दाहिर सम्पूर्ण साम्राज्य का शासक बन गया।
दाहिर ने कट्टर ब्राह्मणवाद स्थापित किया। इस कारण बौद्धों को उसने प्रताङित किया। दाहिर शक्तिशाली शासक तो था लेकिन जनता में अलोकप्रिय भी था।
भारत पर अरबों का आक्रमण-
अरबों ने सिंध पर आक्रमण करना प्रारंभ किया। भारत पर अरबों के आक्रमण के कई कारण हैं जो निम्नलिखित हैं-
भारत की धनाढयता – भारत एक सम्पन्न देश था। इस पर अरबों की ललचायी दृष्टि थी। अरब भारत पर आक्रमण कर यहां से धन लूटना चाह रहे थे।
साम्राज्य विस्तार –
 अरबों ने सीरिया, उत्तरी अफ्रिका, स्पेन तथा ईरान को जीत लिया था । इन क्षेत्रों को जीत लेने के बाद उनका मन और बढा तथा अब वे अपने साम्राज्य विस्तार के लिए आगे से आगे बढ रहे थे तथा भारत भी उनकी इस नीति का भाग बन गया।
इस्लाम का प्रसार
तात्कारिक कारण – देवल क्षेत्र के समुद्री डाकुओं ने अरबी जहांजों को लूट लिया था। खलिफा उमर के अरब गर्वनर अल हज्जाज ने दाहिर से मुआवजा मांगा। दाहिर द्वारा हर्जाना देने से मना किया गया।
712 ई. में अल हज्जाज ने अपने दामाद एवं सेनापति मुहम्मद बिन कासिम को सिंध पर आक्रमण करने के लिए भेजा। इससे पूर्व हज्जाज ने अबदुल्ला और बर्दूल के नेतृत्व में भी अभियान भेजा था, जिसे दाहिर ने असफल कर दिया।
कासिम ने सिंध के बौद्धों की सहायता से सबसे पहले देवल(दक्षिणि सिंध का क्षेत्र) क्षेत्र को जीत लिया। इसके बाद मुहम्मद बिन कासिम ने ब्राह्मणवाद, आलोर,सिक्का, मुल्तान क्षेत्र जीते । इसी बीच दाहिर मारा गया तथा सिंध पर अरबों का अधिकार हो गया।
दाहिर के पुत्र जयसिंह ने कुछ वर्षों तक मुहम्मद बिन कासिम का सफलतापूर्वक सामना किया कालांतर में उसने इस्लाम धर्म गृहण कर लिया था।
मुहम्मद बिन कासिम ने पहली बार भारत में गैर – मुस्लिम जनता पर जजिया कर लगाया। यह क्षेत्र सिंध था।
मंसूस्बिन अल हज्जा के नाम पर मंसूरा नामक क्षेत्र बसाया। यह क्षेत्र भी सिंध में ही था।
अरब भारत में ज्यादा सफल नहीं हो सके-
अरब सिंध से आगे नहीं बढ पाये , अरबों ने भारत के सामने चुनौती पेश की जिसका सामना करने के लिए भारत में में कई शक्तियों का उदय हुआ जो 300 वर्षों तक स्थापित रही जैसे-
उत्तर में ललितादित्य मुक्तापीङ जो कश्मीर के शासक थे। ललितादित्य ने कश्मीर का सूर्य मंदिर बनवाया था।
राजस्थान में प्रतिहार शासक (नागभट्ट, मिहिरभोज), थे।
महाराष्ट्र में राष्ट्रकूट शासक (ध्रुवगोविंद चतुर्थ) ने अरबों का सफलतापूर्वक सामना किया।
अरब आक्रमण का महत्त्व-
अरबों की सिंध विजय का भारतीय राजनीतिक क्षेत्र पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पङा किंतु सांस्कृतिक दृष्टि से अरबों व भारतीयों दोनों के एक दूसरे पर व्यापक प्रभाव दिखाई देते हैं जैसे-
  • भारतीयों का दर्शन, ज्ञान, विज्ञान, चिकित्सा एवं गणित से अरब क्षेत्र प्रभावित हुआ|
  • अलफजारी ने  ब्रह्मगुप्त की पुस्तकों का अरबी भाषा में अनुवाद किया|
  • सूफी धार्मिक संप्रदाय का उद्भव स्थल सिंध ही था जहाँ अरब लोग रहते थे इस पर बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है|
  • अरबों ने 9 वी. शताब्दी में दशमलव प्रणाली का ज्ञान भारत से ही ग्रहण किया |
  • यह भारतीय ज्ञान अरबों के माध्यम से यूरोपीय देशों तक पहुँचा इसी के परिणामस्वरूप यूरोप में पुनर्जागरण हुआ।
  • भारत के कुछ प्रमुख विद्वान जैसे – मल, मनक, धनक, सिंदबाद आदि अरब क्षेत्र में उच्च पदों पर स्थापित हुये| मनक नामक चिकित्सक ने खलीफा हारुन की सफलतापूर्वक उपचार किया था |
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मुझे उम्मीद है कि आप सभी को भारत पर अरबों के आक्रमण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी । यह जानकारी आपको आपके ज्ञान के भंडार में वृद्धि करने में सहायक होगी तथा जो भाई बहन किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है उनके लिए भी फायदेमंद साबित होगी।आपके सुझाव या शिकायत के लिए हमेशा प्रतीक्षारत आपका अपना अंकित शर्मा ।आप हमारे अन्य चैनल  को भी जॉइन कर सकते है । जिस पर रोजाना सबसे पहले अपडेट मिलते रहेंगे ।टेलीग्राम चैनल के लिए
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टिप्पणियाँ

Mr Gaur ने कहा…
Nyc info hekpful tysm.

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